देहरादुन या गैरसैंण
देहरादुन या गैरसैंण
राजधनी की ताणातण
अब नीच थल या सैंण
सरकार काखक गैण
देहरादुन या गैरसैंण
पहाड़ो की छ पहली बैण
देहरादुन अस्थाई बण
प्रकर्ती की च ये बैण-बण
हे देबत तू कब होलू दैण
देहरादुन या गैरसैंण
प्रगती की छ ये चहलपहल
नोटुं की च गेल- पेल
नेता बोल्दा मील खाएँण
गैरसैण अब दूर गैण
देहरादुन या गैरसैंण
क्रांती की अब हुयी देण
क्रांतीकरोंक अब कु सुणला
पहड़ की प्रगती खीची नकेल
देहरादुन बस देहरादुन
देहरादुन या गैरसैंण
मयारू कविता कु रेल-पेल
मील बोली बस गैरसैंण
म्यरु कविता कु सुणल
मेरी जीकोड़ी को बाथवोलो
देहरादुन या गैरसैंण
पहाड़ को विकास की छुटी रेल
अब भुलाह तील बी बोलाण
राजधनी अब कखक बणन
चलो गैरसैंण चलो गैरसैंण
देहरादुन या गैरसैंण
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
कवी बालकृष्ण डी ध्यानी
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