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कण भाग

कण भाग 

कण भाग माण मेरु  
कण दुओड़ तन मेरु 
ऊँचा पहड़ छुडकी मेरु
कण भाग भग्या मेरु 
कण भाग माण मेरु  ...............

हे हीमाला हे माया भुमी
ऊँचा कैलाश को थाना 
है बद्री हे केदार बाबा
जुग जुग बाटी तेरु बखान  
कण भाग माण मेरु  ...............

गो गुल्युओं का मेरु रटाण 
बाटा सड़की छुड़ कखक भगण
मन परदेस मा कखक लगण
टका की माया भुलंह अब सब भूलहण 
कण भाग माण मेरु  ...............

बीता दीणु की लगी रैन
बरखा बरसी अन्ख्न्युं का घेण 
ये परदेस मी यकुली यकुली रैण 
बाबा भुली बौई की याद अब बस आईण 
कण भाग माण मेरु  ...............

कण भाग माण मेरु  
कण दुओड़ तन मेरु 
ऊँचा पहड़ छुडकी मेरु
कण भाग भग्या मेरु 
कण भाग माण मेरु  ...............

बालकृष्ण डी ध्यानी 
देवभूमि बद्री-केदारनाथ 
मेरा ब्लोग्स 
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत

कवी बालकृष्ण डी ध्यानी 
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