जड़ चेतना
जीवन जड़ चेतना का उमंग
सहधीर्द्दाता अडिगता
की है पहचान
कविता का सरल शब्दूं
मै अविष्कार
समधुर शब्दूं की बोली
सजीव होने का प्रमाण है
काठनायिऊँ लड़नै की ढाल है
परेशनीयूं से निकल नै का हल
श्रेष्ट पुहचाने की रहा
जीवन संघर्ष
का आहावन
सीधी और सरल शब्दूं
मै भाव प्रकट कर
संजीदागी से
तल्मेलता कोमलता
से विचार ही
जिंददली जीने की पुकार है
जीवन कल कल
बहती नदी की तरह है
सत सत आगे बढने
की पहचाना है
जीवन हर पल एक नयी कहानी
क्या लिखूं क्या कहूं जीवन
जीवन जड़ चेतना का उमंग
सहधीर्द्दाता अडिगता
की है पहचान
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
कवी बालकृष्ण डी ध्यानी
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