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मेरी माया

मेरी माया 

आज लगाणु गीत मी 
बल कण लगदु प्रीत ई 
मन ही मन हर्श्यणु मी 
बल की थै खोज्याणु आज मी 

मी थै माया ये ऊँचा हीमला 
मी थै घेरा ये मेरा कैलाशा 
झर झर ये गंगा की धारा
थांडु  ये म्यार पाणी का धारा
बल की थै खोज्याणु आज मी 

मी थै प्यार ये पुंगडा हमारा 
लाल्या कल्या बल्दुं का सारा 
ऊँचा डंडा मेरे जीकोड़ी का फैरा
निसा रोल्युं गदयानुँ  का पल-छाला 
बल की थै खोज्याणु आज मी 

भटकी भटकी जीवण मयारू 
बुरांस प्युओंली की च अब घरु 
कीन्गोड़ काफल की लगी बयार 
देख ले तू मेरु ये छूटु संसारु 
बल की थै खोज्याणु आज मी 

गड़ देश म्यार लगी अंग्वाल 
पहुंचा दे म्यरु भी अब  जग्वाल 
बद्री -केदरनाथ को खंड मयारू 
सब से नयारू उत्तराखंड हमरु 
बल की थै खोज्याणु आज मी 

रंयाँ कखक भी बस तेरु ख्याल 
तू ही मयारू पैलू तो ही मेरु मान 
तेरा बाण मी थै आयी अभिमान 
भारत देश भी काई तेरु गुण गान  
बल की थै खोज्याणु आज मी 

आज लगाणु गीत मी 
बल कण लगदु प्रीत ई 
मन ही मन हर्श्यणु मी 
बल की थै खोज्याणु आज मी 

बालकृष्ण डी ध्यानी 
देवभूमि बद्री-केदारनाथ 
मेरा ब्लोग्स 
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत 

कवी बालकृष्ण डी ध्यानी 
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