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मी उत्तराखंडी छौ !

मी उत्तराखंडी छौ ! 

मी उत्तराखंडी छौ ! 
सीदु साधू भोलो भालू 
एक गढ़ वासी छुं 
बात करा णी कार याणी 
मेरी मी उत्तराखंडी छुं 

पर्वत माल मा बिछुं छुं गीजी छुं
पवन गंगा बोई दगडी बघी छुं 
पहाडी पहाडी बोला मी थै
यूँ दगडी खेल कूदे की बच्युं छुं 
मी उत्तराखंडी छौ ! 

बंजा पुंगडा देखा की रडयूँ  छुं
रीटा ड़णड़ बाण लड्युं  छुं 
गंगा थै बचाण बाण मरयूं छुं 
देश की राक्षा बाण शहीद होयूँ छुं
मी उत्तराखंडी छौ ! 

बोई छुडी की परदेश ग्यी छुं 
दार मंदर गों गोंठ्यार छुडी छुं
जी थै यकुली छुडी यकुली रोई छुं 
बाबा बोई खंड की खुद मा खोयी छुं
मी उत्तराखंडी छौ ! 

यकुला मनख्यूं मा खुदयुन छुं
अपरी अपरी मा कीले लग्युं छुं 
चुप चाप कीले अब तक बैठुन्चुं 
चल उठा जाग कीले सीयुं छु 
मी उत्तराखंडी छौ !  

मी उत्तराखंडी छौ ! 
सीदु साधू भोलो भालू 
एक गढ़ वासी छुं 
बात करा णी कार याणी 
मेरी मी उत्तराखंडी छुं 

बालकृष्ण डी ध्यानी 
देवभूमि बद्री-केदारनाथ 
मेरा ब्लोग्स 
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत 

कवी बालकृष्ण डी ध्यानी 
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