जुगराज रयां नेता जी
जुगराज रयां नेता जी इन कम करी दी (२)
मेर गढ़वाली बोली थै भाषा बाण दे
राज्य सभा लोक सभा मा ये प्रस्तवा माणड़ दे (२)
मेर माय बोली थै भाषा बाण दे
जुगराज रयां नेता जी इन कम करी दी (२)
दस साल हुग्यानी राज्य बाणीकी अस्थाई राजधानी बाणीकी
गैरसैण को मेरी पहाडा की स्थाई राजधानी बाण दे
क्रांतीकरीयुं के संग हमरी भी प्रीत नीभै दे
मेर गढ़वाली बोली थै भाषा बाण दे
जुगराज रयां नेता जी इन कम करी दी (२)
दस साल मा जिलों की देख कण बाड़ आय्नींचा
प्रगती का नामा पर दारू का ठेखा बीका छान
उनको राद्द कारकी बेटी बव्वारी की विपद हरी दे
मेर गढ़वाली बोली थै भाषा बाण दे
जुगराज रयां नेता जी इन कम करी दी (२)
बंजा पुन्गाडा रीटा डाँडो की रीट लगया छन
माटा कूड़ा मा देख कण अब माया ईट लगया छन
परदेस गया भै भुल्युं की दाणी आंखी बाटा हेर लगया छन
मेर गढ़वाली बोली थै भाषा बाण दे
जुगराज रयां नेता जी इन कम करी दी (२)
मेर गढ़वाली बोली थै भाषा बाण दे
राज्य सभा लोक सभा मा ये प्रस्तवा माणड़ दे (२)
मेर माय बोली थै भाषा बाण दे
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
कवी बालकृष्ण डी ध्यानी
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