मेरा माटा कूड़ा
मेरा माटा कूड़ा ध्यै लगाण छन
मेरा माटा का कूड़ा मेर दगडी बचाण छन
आपरी आपरी छुईं लगाण छन
गद देशा का इतिहास बताण छन
मेरा माटा कूड़ा ध्यै लगाण छन.....
सीधु साधू हमरु जन जीवन
सधारण हमरु देख रहन सहन
कपाल ढकी काला काला पात्टरों
चोक लीपी गुअडू बल्दुओं का मोलोंण
मेरा माटा कूड़ा ध्यै लगाण छन.....
अपरा संस्क्रती थै बचाण सजाण
चोपाल मा पोणा देबता भावो बोलणा
खान्दुं मा देखा कुल-देबता पूजाणा
चूलह को जलाण -भुझांण मेरु माटू को कुडू
मेरा माटा कूड़ा ध्यै लगाण छन.....
दारा मंदरा गों गोंठ्यार ओ मेरा दार
तिबारी डंडाली ओ फुलेरी फुलपत्ती
ओ मेरा गढ़ देस का बार-तीयोहार
एक कर याद आणो आज मी थै
मेरा माटा कूड़ा ध्यै लगाण छन.....
आज टूटी उजाड़ पडीयुं छुं
बिरला कुकर को घार बाणी छुं
कोणी देखादों मी थै गों को भैर करयूँ छुं
मी थै याद आण वो बीता दीण ओ खुदीमा पड़युं छुं
सीमैनटा कूड़ा आयी म्यार आस्त्तीवा गयाई
माया का लोभमा मा गढ़ रीटा वहाई
द्वेष राग भाईचारा देखा कखक लोकी ग्याई
मेर दगडी देख त्य्रू बचपन भी छुटी ग्याई
मेरा माटा कूड़ा ध्यै लगाण छन.....
मेरा माटा कूड़ा ध्यै लगाण छन
मेरा माटा का कूड़ा मेर दगडी बचाण छन
आपरी आपरी छुईं लगाण छन
गद देशा का इतिहास बताण छन
मेरा माटा कूड़ा ध्यै लगाण छन.....
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
कवी बालकृष्ण डी ध्यानी
0 टिप्पणियाँ