कण मची च दूण दूण ......
मांस खायी सुघोंरों की अब
खेत उजाड़ी सुघोंरों णा
बंदरों,गौणी की गुंज गुंज
कण मची च दूण दूण ......
रीटा रीटा गौं गोंठयारा
रीटा म्यार ये डंडा कंडा
बाघ ला कखक पाणी अब शिखार
गाम गाम घुशी की मचाई उत्पात
कण मची च दूण दूण ......
माँ भगवती को प्रसाद
बोकटयूँ मान चली धार
छुपी लुकी लुकी पंडों णा
घार खाई भुण भुण
कण मची च दूण दूण ......
पह्ड़ा की नारी बेटी बावरी
याखुली खड़ी एक धारी
दारू ,घार बंजा पुंगडा
सास ससुर नुआनॉ की जीमेदरी
कण मची च दूण दूण ......
सब अब बेल खेल की बात
नेताओं की आणी बारात
विधान सभा चुनवा नजदीक
देख सत्ता की अब च्क्रचाल
कण मची च दूण दूण ......
मांस खायी सुघोंरों की अब
खेत उजाड़ी सुघोंरों णा
बंदरों,गौणी की गुंज गुंज
कण मची च दूण दूण ......
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
कवी बालकृष्ण डी ध्यानी
0 टिप्पणियाँ