ADD

एक टीश च

एक टीश च

मेरे कविता मा एक टीश च
मनख्यूं देख कण धीट चा 
राडाद रहैन्दी फजल ब्योखनी 
रात दगडी उनकी खास भेंटच 
मेरे कविता मा एक टीश च

रुंतैला मुल्क मेरु गढ़ देश 
ऊँचा ऊँचा हीमाला तू भी देख 
म्यार ये चीपलाणु सा भेष 
उजाड़ खाडू मयारू डंडूयूँ का देश 
मेरे कविता मा एक टीश च

काला काला रेघ खिंचा 
जख भी जावा वाख भींचा 
प्रगती का मार्ग मा देख 
झाडा टुका तक वा बीछा
मेरे कविता मा एक टीश च

पलायन एक समस्या च 
लोगों का माण बस फिरयाँ छान
नीसडू का बोल्दा बस अब साथ च
उकाला मा बस खैरी की बातच 
मेरे कविता मा एक टीश च

यख नारी की बल क्या बातच 
मी थै भगवती तेरु ही साथ च 
गैरसैंण मा बल गड अटकी राइणी
देहरादुन राजधनी की देख दहल-पैलच 
मेरे कविता मा एक टीश च

मेरे कविता मा एक टीश च
मनख्यूं देख कण धीट चा 
राडाद रहैन्दी फजल ब्योखनी 
रात दगडी उनकी खास भेंटच 
मेरे कविता मा एक टीश च

बालकृष्ण डी ध्यानी 
देवभूमि बद्री-केदारनाथ 
मेरा ब्लोग्स 
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत

कवी बालकृष्ण डी ध्यानी 
Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ