काण बोलो
माया लगी रे
काण बोलो
मुख खोंलो
मेरी माया बींगा दे छुरी
आंखी की यूँ साणी ण रे
माया लगी रे
हीमाला टुक देखो रे
गदनीयुं संग बोगो रे
हीशोंओल टीप दे
काफल चख दे छुरी
तेर संग मेरी अब
माया लगी रे
उकालू उन्दारू बाटा रे
ओ सड़की ओ घाट रे
पडैगी जा मनख्यूं का बाता रे
गहशरीयुं गीतों गुंजता डंडा रे
छुची तो भी गीत लगा माया का रे
माया लगी रे
दागडीयूँ को साथ रे
करले मेर दगडी बाता रे
जवाणी को दुई घड़ी को साथ रे
पखड़ ले अब मेरा हाथा रे
जीवण भर हम लागोंला माया रे
माया लगी रे
माया लगी रे
काण बोलो
मुख खोंलो
मेरी माया बींगा दे छुरी
आंखी की यूँ साणी ण रे
माया लगी रे
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
कवी बालकृष्ण डी ध्यानी
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