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वो क्या ?

वो क्या ?

वो बातें आँखों ने कही तुमने सुनी क्या 
रातें सील्वाटों पर उभरी तुम पर कभी गुजरी क्या 
एक टक देख तै रहना मेरा इंतजार था क्या 
तुम्हारी छावी से बातें करना वो मेरा प्यार था क्या 
वो बातें आँखों...............................

माथे पर घिरी पसीनो की बूंदे परेशनी है क्या 
पैशनी की उभरी लकीरों छुपी प्यारा की कहानी है क्या 
बीते दिनों बीते पलों की कोई निशानी है क्या 
अटखेली लेती होई मासुम जवानी है क्या 
वो बातें आँखों...............................

दूर लो की तरह जलती कोई बत्ती हो क्या 
दिये मै फैले तेल की साथी हो क्या 
रोशन ऊपर अंदर अंधेरे की खाई हो क्या 
मीलों दूर फ़ैली लंबी कोई जुदाई हो क्या 
वो बातें आँखों...............................

वो बातें आँखों ने कही तुमने सुनी क्या 
रातें सील्वाटों पर उभरी तुम पर कभी गुजरी क्या 
एक टक देख तै रहना मेरा इंतजार था क्या 
तुम्हारी छावी से बातें करना वो मेरा प्यार था क्या 
वो बातें आँखों...............................

बालकृष्ण डी ध्यानी 
देवभूमि बद्री-केदारनाथ 
मेरा ब्लोग्स 
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत 

कवी बालकृष्ण डी ध्यानी

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