दुनिया
दुनिया बनाने वाले
क्यों तो ने दुनिया बनाई
सेठ खाये यंह बैठे बैठे मलाई
दुनिया बनाने वाले................
महंगाई की चोट से
हम हो गये भीखरी
गरीबी मै क्या खोट है
इस से चले ना दुनिया दरी
दुनिया बनाने वाले................
आमीरी की खाई मे
सो गये कीतने ही भाई
लड़ी उनोने आपने तरीके से लडाई
गरीबी फिर भी ना जीत पायी
दुनिया बनाने वाले................
ये अंतर कब मीटेगा
समजादे मुझे मेरे साईं
ये बोझ कब उतरेगा
बतला दे मेरे साईं
दुनिया बनाने वाले................
दुनिया बनाने वाले
क्यों तो ने दुनिया बनाई
सेठ खाये यंह बैठे बैठे मलाई
दुनिया बनाने वाले................
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
कवी बालकृष्ण डी ध्यानी
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