कण आयी
कण आयी कण ग्याई
ये हिमाल मा ये देसा मा
सवेर सवेर वाहाई दोपहरी
ब्योखनी बाद झण रात वाहाई
कण आयी कण ग्याई...........
बद्री-केदार मा नंदा का मैता मा
हे विपदा हे खैरी तू आयी
बस्गयाई ये हे उकाला मा
यूँ कणड़लीयुं का बाटा मा
दना बोडयूँ का आंख मा
कण आयी कण ग्याई...........
वीर बडो का श्री सुमन का देश मा
भुख तीश को साथ
याखा छायूँ बारामास
देख दूर उमली बरसात
बेटी बावरी का पास
कण आयी कण ग्याई...........
ये गडवाल मंडल मा ये कुमो मंडल मा
नुनो थै बड़ा क्यायी
सीखी पडी बावरी आयी
बेटा झट परदेस ग्याई
ब्वारी रामी सी हेरती रहई
कण आयी कण ग्याई...........
ये तीलू ये जशी का देश मा
ये मेरु जीवण सब देख्तु रहई
अन्ख्युं गंगा धार बहई
भगीरथी सी मेरी विपदा
बल मोक्ष ना पाई
कण आयी कण ग्याई...........
ये देव भूमी मा ये पहाडा मा
कण आयी कण ग्याई
ये हिमाल मा ये देसा मा
सवेर सवेर वाहाई दोपहरी
ब्योखनी बाद झण रात वाहाई
कण आयी कण ग्याई...........
बद्री-केदार मा नंदा का मैता मा
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
कवी बालकृष्ण डी ध्यानी
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