ADD

वो याद पहाड़ की


वो याद पहाड़ की 

फुँर फुँर रुमाली बथों मा फुँर 
घेरा घेरा मा बसी म्यार मुल्की की फुँर 
लास्का ढह्स्कों गढवाली गीतों की फुँर 
तू भी ऐजा दीदा मरले एक फुँर 
फुँर फुँर रुमाली बथों मा फुँर 

नाथ की नथुली मुड्मा साफा
हाथ मा कमरी कमरी मा बंधा 
पैरों मा पैजाण गला गुलुबन्द 
कान का झुमका वह तेरा ठुमका फुँर 
फुँर फुँर रुमाली बथों मा फुँर 

मुड्मा मा टोपली दीदा 
कुर्ता पैजामा दगडी कमरी हिला 
दंत्ता की पट्टी ऐसे खिला फुँर
हमारी लोक संस्क्रती की दर्शन करा फुँर  
फुँर फुँर रुमाली बथों मा फुँर 

ढोलह थापों मा पैजाण बजै फुँर 
माशू बाजों संग रिगांण लगे फुँर 
दामू की थपकी मा ये ढह्स्क तेर 
याद आणी मी थै वो पहाडा मेरा  
फुँर फुँर रुमाली बथों मा फुँर 

फुँर फुँर रुमाली बथों मा फुँर 
घेरा घेरा मा बसी म्यार मुल्की की फुँर 
लास्का ढह्स्कों गढवाली गीतों की फुँर 
तू भी ऐजा दीदा मरले एक फुँर 
फुँर फुँर रुमाली बथों मा फुँर 

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत 

कवी बालकृष्ण डी ध्यानी 
Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ