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पहाडा मा रुमक


पहाडा मा रुमक 

डंणडू मा रुमुक छायु 
घाम अब तक णीआयु 
जाडु का ये महीना दीद 
बेल भी अब हरची गैणी
बारह कब बाजैण दीदा बारह कब बजेणी

सबैर को बगत च 
ये दोपहरी को घाम 
पहडोमा असुज का महीना 
कोयैडी मा लोंकीगै गढ़ को काम 
बारह कब बाजैण दीदा बारह कब बजेणी

छपालाहट छपालाहट मा 
णी बणी दीदा आज भी काम 
बेल हैर हैर की णी आयी 
पह्डोमा आज भी घाम 
बारह कब बाजैण दीदा बारह कब बजेणी

मठो मठो हीट की 
बौअडी णी काठो टीके टीके की 
आज कई अपरू काम 
सबेर भटैक रात तक दीदा णी बण पाई मेरु काम 
बारह कब बाजैण दीदा बारह कब बजेणी

डंणडू मा रुमुक छायु 
घाम अब तक णीआयु 
जाडु का ये महीना दीद 
बेल भी अब हरची गैणी
बारह कब बाजैण दीदा बारह कब बजेणी


बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत 

कवी बालकृष्ण डी ध्यानी 
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