मेरा माटा
परदेस गायं भाई बंद जुगराज राया .....२
देश छुड़ी परदेस गयां जुगराज राया .....२
बिता दीणु बीती बात रहीगै बस याद
वाख रहै रहै की क्या आणी वहाली मेरी याद
परदेस गायं भाई बंद जुगराज राया .....२
उकली की पीड़ा खैरी णी तोडी हमरु साथ
घारा भविष्य की चिंता णी मोडी अपरी बाट
उन्दारू सैणी बाटा मा चलगे साथ साथ
माता और भुमी मा येगे माया की बात
परदेस गायं भाई बंद जुगराज राया .....२
जग भी रयां मेरा माटा खुब फ्लयां फुलं
दें दूणी रात चुगाणी प्रगती प्रगती कारां
मेर विपद खैरी दाणी आँखों थै भूली जयां
अपर गढ़ मा थै तुम ण कभी भुली जयां
परदेस गायं भाई बंद जुगराज राया .....२
परदेस गायं भाई बंद जुगराज राया .....२
देश छुड़ी परदेस गयां जुगराज राया .....२
बिता दीणु बीती बात रहीगै बस याद
वाख रहै रहै की क्या आणी वहाली मेरी याद
परदेस गायं भाई बंद जुगराज राया .....२
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
कवी बालकृष्ण डी ध्यानी
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