ADD

चल आज


चल आज

चल आज गढ़ लोंटी जओंला 
रीटा डाणड़ रीटा गों मा बुओडी जओंला 
दाणी आंखी बाट हेरणी वहाली 
तो आंखी मा धीर बंधी दयुन्ला
आज पहाडा जओंला .........

उजाड़ पडी हमरी भुमी
कणड़ पडी हमरी खुठी
हीटाद हीटाद ईत्गा हीटगयुं 
जीकोडी की भैर या भीतर
अब बल मी सोचता रैह्गु 
आज पहाडा जओंला .........

माया का पीछा भगदा भगदा 
मण ड़ोर कूल्हण लोकिंग्युं 
बिरला कुकर सी जात ये मणस
ओंक बिरादरी से मी भैर हुग्युं 
जब चैत आयी मी थै अब बुओडी जओंला 
आज पहाडा जओंला .........

चल आज गढ़ लोंटी जओंला 
रीटा डाणड़ रीटा गों मा बुओडी जओंला 
दाणी आंखी बाट हेरणी वहाली 
तो आंखी मा धीर बंधी दयुन्ला
आज पहाडा जओंला .........

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत

बालकृष्ण डी ध्यानी 
Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ