बीत दिणु छुंयी लगाणु
बीत दिणु छुंयी लगाणु
आणु वाला दीण ......२
कदग राती गैणी यानी
स्वामी जी तेर बीण
बीत दिणु छुंयी लगाणु...
जीकोड़ी मा थग्ल्या पडी
बरखा का वो दीण.......२
कदगा राती रोयी रोयी
स्वामी जी तेर बीण
बीत दिणु छुंयी लगाणु...
जाडु का मैहना गैरू
गैरू सा ओ छाला पडों
रीटा जीकोड़ी मा मेरी
डरु का वो जाला गैरू
बीत दिणु छुंयी लगाणु...
घामा का छेलु म्युरु
स्वामी जी वो गेलु मयारू
दोपहरी का घाम स्वामी
तुम्हरी झण निर्दयी व्हालो
बीत दिणु छुंयी लगाणु...
घुगती वो हीलंसा
हे प्योंली ओ बुरंस
ओ रोल्युं ओ डंडा
यादा दिलाण तुम्हरी ही बाता
बीत दिणु छुंयी लगाणु...
बीत दिणु छुंयी लगाणु
आणु वाला दीण ......२
कदग राती गैणी यानी
स्वामी जी तेर बीण
बीत दिणु छुंयी लगाणु...
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी
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