संस्क्रती
नाका की नथुली देख
कंण भली सजली......२
माथा का मांग टीका बल
कण भलो लगदो .....२
संस्क्रती मेर बांची चा
गढ़ देशा बेटी बावरी मा
नाका की नथुली ..........
रीती रीवाज पहाडा का
लोकगीत गढ़ देशा का
बिंदी गढ़ की गोल गोल
आंखी तो अब बल बोल
गोलबंद गला हार देखा
कनुडी झुमका बात देख
संस्क्रती मेर बांची चा
गढ़ देशा बेटी बावरी मा
नाका की नथुली ..........
ढोल दमौं माशु बाजा
तुर्री ढोलकी रणसिंघा गाजा
दौर थाली भंकोरा को साथ
तबला हारमोनियम ताला
उत्तराखण्ड लोक वाद्यय यन्त्र
संस्क्रती को ये बाटा ये भुली
संस्क्रती मेर बांची चा
गढ़ देशा बेटी बावरी मा
नाका की नथुली ..........
मंगलस मार्तिअल
खुदेड झोड़ा थड्या
पंवारस मेलान्चोली मा
जड़युं मोती को हारा
गढ़ लोक संगीत मा
लगा दे अब चारचांदा ये बांदा
संस्क्रती मेर बांची चा
गढ़ देशा बेटी बावरी मा
नाका की नथुली ......
लंग्विर नृत्य, बरदा नाटी
पांडव नृत्य ,शोतिया त्रिबल लोक नृत्य
को छाट़ा को ये प्रभात
लगा दे रसा गढ़ा आजा
मी थै भी नचा दे आजा
दागडीयुं अब साथ दे जरा
संस्क्रती मेर बांची चा
गढ़ देशा बेटी बावरी मा
नाका की नथुली ......
नाका की नथुली देख
कंण भली सजली......२
माथा का मांग टीका बल
कण भलो लगदो .....२
संस्क्रती मेर बांची चा
गढ़ देशा बेटी बावरी मा
नाका की नथुली ..........
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीतबालकृष्ण डी ध्यानी
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