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आज ओर कल (२०११ अलविदा २०१२ )


आज ओर कल 
(२०११ अलविदा २०१२ )

पुरना साल जा रहा 
देकर अनेक सवाल 

क्या आप है तैयार 
जैसा है अब देश का हाल 

महंगाई की मार 
उस पर ये भ्रस्टाचार

कमर तुड रही
ये अपनी चुनी सरकार 

२००९ से २०१० तक का रिश्ता 
छुट रहा है २०११ का फरिश्ता 

२०१२ की खिलेगी कली 
महकेगी लगता अब गली गली 

कोई ना भुखा अब सोयेगा 
लगता है ऐसा साला आयेगा 

मेरे भारत अब 
अमन शांती का तिरंगा फैरयेगा

नेता को कब जाकर अकाल आयेगी 
आम जनता जब जाग जायेगी 

जन लोकपाल पास हो जायेगा 
क्या पपु इस बार मीठा खायेगा 

चलो मिलकर विदा करें इस वर्ष को
स्वागत करें आने वाले कल को 

भाईचारा ये फैलायेगा 
२०१२ हम सबको सुखद मंगलमय जायेगा 

आंखें भी छालकी बीती यादों से 
आशा की किरण बंधी उन बत्तों से 

पुरना साल जा रहा 
देकर अनेक सवाल 

क्या आप है तैयार 
जैसा है अब देश का हाल 

आप ओर सहपरिवार नव वर्ष की शुभ कामनायें ओर ये साल आप कई लिये उन्नती हर्ष उल्लाहस भरा ओर मंगलमय हो जय बद्री-केदार 

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत

बालकृष्ण डी ध्यानी
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