मी नवलाई मा.....
हरैगै हरैगै नवलाई मा
मन्ख्युं की बुराई मा
कपडै की धुलायी
नुँनाओं की पड़ई मा
हरैगै हरैगै मी नवलाई मा.....
रोजा की लडाई
अपरी ये परछाई मा
महंगै की गहराई मा
जीवन की कठनाई मा
हरैगै हरैगै मी नवलाई मा.......
दशा मेरी णी बदली
णी बदली मेरा लोगों की
कंण लगाणी मया मयल्दी
ये उजाडा डाणड़ कणडी मा
हरैगै हरैगै मी नवलाई मा.......
सब हारू हारू दीखे
ओ नोटों का बाणडल मा
मेर वाख ही हर होयैगै
जब पडू मी यी माया चक्कर मा
हरैगै हरैगै मी नवलाई मा.......
कण दिसा भूल व्हैगे
ये देवभूमी तेरा गढ़ दर्शन मा
कण छुडी की चला जांदी
रुँदी रुअडी उदास उकालों मा
हरैगै हरैगै मी नवलाई मा.......
हरैगै हरैगै नवलाई मा
मन्ख्युं की बुराई मा
कपडै की धुलायी
नुँनाओं की पड़ई मा
हरैगै हरैगै मी नवलाई मा.....
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी
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