ये मेरा सिप्पोडा बाला
ये मेरा सिप्पोडा बाला
चल दगडी अपडा पुंगडा जोंला
हाल खांदा मा धरी हे बाला
अपडा पुंगडा जोती ऊंला
ये मेरा सिप्पोडा बाला........
दुई चोटी बंधा के मेर बाला
धान का बीज पुंगडा बोंती ऊंला
बोये की बोल्युं मान रे बेटा
अपरी बोई थै भेंटी ऊंला
ये मेरा सिप्पोडा बाला........
माना ना हार मेर राजा बेटा
माया पुन्गाडा दगडी लगी ऊंला
जग माया का पीछणे पीछणे
अपरा पहाड़ थै ना कभी छुडी जोंला
ये मेरा सिप्पोडा बाला........
पहाडा मा खैरी विपदा भारी
दोई जोड़ा मा कटेगै उम्र सारी
हैरी हैरी का जीवाण म्यार पहाडा
कटेगै ईणमा जीन्दगी को उन्दारू उकाला
ये मेरा सिप्पोडा बाला........
तुछे रे मयारू जीकोडी को दिलासा
तुज पर टिकी हम सबकी आशा
गढ़ देश की तु बदल दै परीभास
दैणु हो जाये तै पर बद्री-केदार
ये मेरा सिप्पोडा बाला........
ये मेरा सिप्पोडै बाला
चल दगडी अपडा पुंगडा जोंला
हाल खांदा मा धरी हे बाला
अपडा पुंगडा जोती ऊंला
ये मेरा सिप्पोडा बाला........
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
कवी बालकृष्ण डी ध्यानी
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