हाथ खुठा
हाथ खुठा
अब छुईं लगा
मिल मिले की रोंला
पाडे मा ही रोला
हाथ खुठा
पकड़ ले सदनी कु
इनि हाथ मिला
दगड गदनियों
अब त्यार खुठा हिटा
हाथ खुठा
अब छुईं लगा
मिल मिले की रोंला
पाडे मा ही रोला
हाथ खुठा
पुंगड़ हैरा भैरी
हाथा की च खैरी
कंडा भुंया पड़ा छिन
खुठा तु ना दैरी
हाथ खुठा
अब छुईं लगा
मिल मिले की रोंला
पाडे मा ही रोला
हाथ खुठा
कूड़े कूड़े मा
ये हाथ लग्युंच
खुठा खुठा नि
वै माटु सैरयूँ च
हाथ खुठा
अब छुईं लगा
मिल मिले की रोंला
पाडे मा ही रोला
हाथ खुठा
हाथ मेरा दूर का
ना वै बाटूँ थे दिक्या
खुठा मेरा अपरू थे
छोड़ी कबि ना जन्यां
हाथ खुठा
अब छुईं लगा
मिल मिले की रोंला
पाडे मा ही रोला
हाथ खुठा
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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