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गंगा जी को औत (बाजूबन्द गीत) / गढ़वाली


 गंगा जी को औत (बाजूबन्द गीत) / गढ़वाली
........कण लाग जी आप थे जरूर बतवा जी

गंगा जी की औत
तराजू ना तोली लेणा, कैकी माया भौत
तराजू ना तोली लेणा, कैकी माया भौत
तराजू ना तोली लेणा, हो.....


झंगोरा की घांण, झंगोरा की घांण
जैकी माया घनाघोरा, आंख्यूं मा पछ्याण
जैकी माया घनाघोरा, आंख्यूं मा पछ्याण
जैकी माया घनाघोरा हो.....
सड़का की घूमा, सड़का की घूमा
सदानि नि रैंद सुवा, जवानी की धूमा
सदानि नि रैंद सुवा, जवानी की धूमा
सदानि नि रैंद सुवा हो.......

भिरा लीगे भिराक, भिरा लीगे भिराक
तरुणी उमर सुवा, बथौं सी हराक
तरुणी उमर सुवा, बथौं सी हराक
तरुणी उमर सुवा हो.........

घुघुती को घोल,घुघुती को घोल
मनखि माटू ह्वे जांद, रई जांदा बोल
मनखि माटू ह्वे जांद, रई जांदा बोल
मनखि माटू ह्वे जांद हो.........

गौड़ी कू मखन, गौड़ी कू मखन
दुनिया न मरि जाण, क्या ल्हिजाण यखन
दुनिया न मरि जाण, क्या ल्हिजाण यखन
दुनिया न मरि जाण, क्या ल्हिजाण यखन
दुनिया न मरि जाण हो.........

गढ़वाली गीत अनुवाद किया है गढ़वाली भाषा को बढ़वा देने के लिये
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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