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सर्द हवा अब गर्म होने लगी


सर्द हवा अब गर्म होने लगी

सर्द हवा अब गर्म होने लगी
बर्फ मेरे पहाड़ों में अब कम होने लगी

सब कुछ जब कम कम होने लगा है
ये दिल का ग़म और क्यों बढ़ने लगा

दूरियों से अब  किस को भी तकलीफ होती नहीं है
पर अब पास आने से दिक्कतें और बढ़ने लगी हैं

कभी दिल के धड़कने से पता चल जाता था
अब धड़कन के रोकने से भी पता चलता नहीं

नया युग है सब अपने पराये देखो कितने पास हैं
आवाज दें भी दें तो कोई क्यों अब पास आता नहीं

सर्द हवा अब गर्म होने लगी  .....

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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