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मै उत्तराखंड आप को बुला रहा हूँ कब आओगे ?

बरखा रीघ लगी होली
कोयाडी छायी होली
चाल चमकाना होला
डंडी बोटी हरी भरी होगयाली होली
बोई जेकुड़ी टप्करनी होली
बाबा तीस मनख्यूं खोजनू होलो
के बनी मील ये सब खेत बड़ी की वो खा व्हालू
मेरो लटो मेरो बेटा कब अनु व्हालो
बरखा रीघ लगी होली .................
मै उत्तराखंड आप को बुला रहा हूँ कब आओगे ?

कवी बालकृष्ण डी ध्यानी
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