मांजी तेरा बीण
कैसा कटा दीण
मांजी तेरा बीण
सपुणिया लुट गीण
मांजी तेरा बीण
घुघूती णी घुरणी
मांजी तेरा बीण
बुंरंश प्युन्ली उदाश
मांजी तेरा बीण
भूकी मेरी पुटी
मांजी तेरा बीण
खीले मी थै घाष
मांजी तेरा बीण
कोयडी लुकी जीकोडी
मांजी तेरा बीण
आँखों माँ बरसता
मांजी तेरा बीण
यकुली ये रात
मांजी तेरा बीण
यकुली ये दिण
मांजी तेरा बीण
कीले छुडी मी थै
मांजी तेरा बीण
चली गे वैकुंठ
मांजी तेरा बीण
दुई भूली एक भ्रता
मांजी तेरा बीण
बाब मेरा परदेश
मांजी तेरा बीण
ध्यै लगाणु कैकुंण
मांजी तेरा बीण
को दिलू हाका
मांजी तेरा बीण
बथो दे मी थै आज
मांजी तेरा बीण
कंण जलो बारमास
मांजी तेरा बीण
अब अणी नीच नींद
मांजी तेरा बीण मांजी तेरा बीण मांजी तेरा बीण ..............................
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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कवी बालकृष्ण डी ध्यानी
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