लगता है अब तु जागेगा ?
चल हो गया वो गया
आपना क्या खो गया
पल पल अब ये होता
चोरहा अब खुन से धोता है
चल हो गया वो गया
कभी आज कभी कल
कभी यंहा कभी वहां
फटाता है फटाता रहेगा
हमरा युवा नेता ये कहेगा
चल हो गया वो गया
दो आंशों बिघो दीया
आपना भी कम होगया
इक चीथोडों मै आपना नहीं
हमे आराम हो गया
चल हो गया वो गया
कल मुंबई सनी थी
आज दिल्ली हो गयी
सरकार की जीमैदारी
ना जाने कहं खो गयी
चल हो गया वो गया
जगा इन्सान क्या तेरी
इंसानीयत भी सो गयी
ये मंजर देख देखकर
तेरी नीयत भी डोल गई
चल हो गया वो गया
चल हो गया वो गया
ये भवान जब तक पलेगी
तेरी आंखे ना कभी खुलेगी
दो दिन जागा फिर सो जायेगा
ये होता है वो होता जायेगा
धमाकों का असर
ना होग इस तरह बेअसर
ना तु जब तक जागेगा
ना इस सरकार को जगयेगा
लगता है अब तु जागेगा ?
या फिर ये बम तुम्हे उड़ायेगा
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
कवी बालकृष्ण डी ध्यानी
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