मण मयारू
मण मयारू
मण मेरु आज बस मा णी राई
कंण विपदा घार कै गयाई
मण मयारू बोझ मा दबी ग्याई
खैरी का बस्गा घरु होग्याई
मण मयारू ..........
लूटपाट मांची जख भी जावा तख
त्रश्दी ही त्रश्दी छयी यख या वख
मयारू गढ़ देश भी अछुतु णी रही
म्यार लोगों की पीड़ा बढग्याई
मण मयारू ..........
यखार यखार रै रैकीं मै भी
याखरी सी ही मी होग्युं
एक शुन्य मा ग़ुम होग्युं
यथार्त से भागदा रैंगुओं
मण मयारू ..........
उकल उंदर पाटों मा पीस ग्याई
खैरी की कामणी छुट ग्याई
बंजा पुन्गाडा सी बंजा होग्याई
मयारू बीज कण मोर ग्याई
मण मयारू ..........
हरु हरु देख्दा देखाद मांण कालु होगई
जीवण की चरखी खेचता खेचता
ये दागड़या मण क्या बात होग्याई
मी कीले मी णी रहई ये मेर मण
मण मयारू ..........
ऊँचा हिमाल देखाद देखाद
मण मयारू केले छुटु होग्याई
सै णी कम णी का वास्ता है देबता
रोंल्लयुं का गदनीयौं संग बोगी गयाई
मण मयारू ..........
मण मयारू
मण मेरु आज बस मा णी राई
कंण विपदा घार कै गयाई
मण मयारू बोझ मा दबी ग्याई
खैरी का बस्गा घरु होग्याई
मण मयारू ..........
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
कवी बालकृष्ण डी ध्यानी
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