ओ जानेना
ये दिल क्या तो ढ़ोंडै ओ जानेना ...........२
है क्या तेरी मंजील ये जानेना
ये दिल क्या तो .........
बातों की सजी महफिल ये जानेना
कट रहे तेरे बीन पल छिन ये जानेना
ये दिल क्या तो .........
जब ये उदास होता है ये जानेना
तो कोई आस पास होता ये जानेना
ये दिल क्या तो .........
बरस रही बरसात ये जानेना
क्या सिर्फ आँखों की हो रही बात ये जानेना
ये दिल क्या तो .........
एक कारवां गुजरा जाता है ये जाने ये
एक नया कोई आता है ये जानेना ना
ये दिल क्या तो ढ़ोंडै ओ जानेना ...........२
है क्या तेरी मंजील ये जानेना
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
कवी बालकृष्ण डी ध्यानी
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