मेरे मरने के बाद
मेरे मरने के बाद
जब जगदीश कहे मुझ से
जीवन का एक लम्हा बात
जो तेरे जहम मै अब तक समाया
बिन संकुच मै कहोंगा मै
९ माह गर्भाशय के एक बार फिर दिला
जीवन चक्र के ९ माह ही अब तक साथ मेरे
क्योंकी इस मै ही मै था पुर्ण
मेरे मरने की बाद
बडे प्यार से सींचा था मुझे
अपनी अंचल से ओड़ा था मुझे
दुःख सुख से उसके बंधा था ऐसे
जैसे तो वंहा खड़ा था खुदा जैसे
९ माह गर्भाशय के एक बार फिर दिला
मेरे मरने की बाद
माँ के कांती के आभा
चमक चमक जाती थी मन -तन मेरे
गर्भ अवस्था के छवी उभर उभरकर आती है मेरे मन मै
मेरे जीवन की सुख स्वप्नों का गुल था वंहा खिला
मुझे मेरी माँ से मिला
मेरे मरने की बाद
मेरे मरने के बाद
जब जगदीश कहे मुझ से
जीवन का एक लम्हा बात
जो तेरे जहम मै अब तक समाया
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी
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