ADD

बोई



बोई 

बोई मेरी 
तु ना रोयी 
बाबा परदेश
यकुली तु ये गढ़ देश 
बोई मेरी ......................

बोई मेरी 
केले छे उदास 
आणी वहाली ते थै 
बोई भै भैणु की याद 
चों डाणडीयूँ पार 
बोई मेरी ......................

बोई मेरी 
खैरी विपदा 
गढ़ भग्या 
बेटी ब्वारी साथ 
दीण रात 
बोई मेरी ......................

बोई मेरी 
दो भुली दो भाई
दादा दादीजी भी साथ 
कंण पाली हम थै 
तिल बीण बाबजी घार 
बोई मेरी ......................

बोई मेरी 
वो पहाड़ों का बारमास
कंण के गैण उकाली उंदार
मया लगई तिल हर बार 
जेकोडी मेरी बस तेरु साथ 
बोई मेरी ......................

बोई 
बोई मेरी 
तु ना रोयी 
बाबा परदेश
यकुली तु ये गढ़ देश 
बोई मेरी ......................

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत 

बालकृष्ण डी ध्यानी 
Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ