मीथै बुलाणु
आणी छे ये आवाज ये पहाड़ो मा
को होलो ये मीथै बुलाणु ये पहाड़ो मा
सड़की ये हेर लगादी ये पहाड़ो मा
बाटा उकालु ये उन्दारू ये पहाड़ो मा
सुवा भैनै ये घसा को जांदी ये पहड़ो मा
पीछणे पीछणे ये गुअडी येजांदी ये पहड़ो मा
दीदा रणसिंगा ये बंसी बाजा ये पहाड़ो मा
नेगी जी का गीतों का ये दादा धुन लगा ये पहड़ो मा
पंतेदार मा ये पणहरी पानी को जांदी ये पहाड़ो मा
पैर की पैजण ये कंण बजाणदी ये पहाड़ो मा
बुअडी ये क्या छे तु चूल्हों पकन्दी ये पहाड़ो मा
छुच चूल्हों मा ये काफ्लू मी पकाणु ये पहाड़ो मा
छकुली ये मेर बकुली तो सैजा ये पहाड़ो मा
रात होग्याई ये नींदी आई अन्ख्यों मा ये पहाड़ो मा
दूर छों मी ये मजबुर छों मी ये पहडा मेरा
ना हीट पाई ये उकाला उन्दरा ये पहाडा मेरा
तु आणु छे याद मीथै ये पहाडा मेरा
तेरु दगडी ये जुडी हर छुंयीं ये गढ़वाल मेरा
आणी छे ये आवाज ये पहाड़ो मा
को होलो ये मीथै बुलाणु ये पहाड़ो मा
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी
0 टिप्पणियाँ