नारी हूँ
मै नारी हूँ
सत्य है या
कटु सत्य है
या अर्ध सत्य है
मै नारी हूँ.....................
एक रहा है बनी है
पुरषों वाली
उस मार्ग पर
पथक बन चली जा रही हूँ
मै नारी हूँ......................
समाज रूपी
बधन मै बंधी जा रही हूँ
खुद के दायरे मै
सिमटी जा रही हूँ
मै नारी हूँ......................
अश्कों के घेरे
मै दबी जा रही हूँ
अपने अस्तित्व के लिये
मै लड़ी जा रही हूँ
मै नारी हूँ......................
मै नारी हूँ
सत्य है या
कटु सत्य है
या अर्ध सत्य है
मै नारी हूँ
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी

0 टिप्पणियाँ