क्या हो गया
देखो क्या हो गया
जो पास है वो दुर गया
करीब लाना चाह था मैने
साथ निभाना चाह था मैने
आँखों से वो ओझल हो गया
देखो क्या हो गया .................................
परेशान सा लग राहों
हैरान भी थोडा सा हों मै
देखो मेरे चेहरे को गौर से
क्या तुमहे आपना सा लग राह हों मै
देखो क्या हो गया ..................................
कुछ सोचा था कुछ भुल गया
जो पाया वो कंहा छुट गया
कोशिश की थी लैटै लैटै
पलंग पर मैने सोते सोते
सपनो मै सब मिला मुझे ऐसे
जगा जैसे वो सब का सब खो गया
देखो क्या हो गया ..................................
बातों की ना मै बात बनाओं
अपने से मै आज मिलओं
जग लगा थोडा सा वो अपना सा
लग राहा अब बस वो सपना सा
देखो क्या हो गया ..................................
देखो क्या हो गया
जो पास है वो दुर गया
करीब लाना चाह था मैने
साथ निभाना चाह था मैने
आँखों से वो ओझल हो गया
देखो क्या हो गया .................................
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी
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