ना जुदा होना
अब अक्सर
तुम्हारी तस्वीरों से बातें करतें हैं
तनहाई मै
भी हम तुम से रूठते हैं
अब अक्सर .....................
दीवारों पर
लिखकर तेरा नाम
सुबह शाम
पैगाम अब भी तुझे भेजतैं हैं
अब अक्सर .....................
इस दिल मै
छुपा है जो तेरा नाम
वंही है मेरा मक़ाम
फिरता रहता हो वही पर मै
अब अक्सर .....................
ना जुदा होना तुम
मेरी परछाईयूँ से
देखता रहता हों यादों की
उन अंगडईयों से
अब अक्सर .....................
बेवफा तुम नहीं
वफ़ा ही नहीं थी उन राहों पै
चला था मै अकेला ही
अपनी बोझल आँखों से
अब अक्सर .....................
अब भी माध्यम रोशनी
आती है उन बीहड़ वीरानो मै
चला चलता हों उस रोशनी मै
फिर भी तुम्हे पाने को
अब अक्सर .....................
अब अक्सर
तुम्हारी तस्वीरों से बातें करतें हैं
तनहाई मै
भी हम तुम से रूठते हैं
अब अक्सर .....................
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी
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