रात के बाद
रात के बाद
वो सुबह तो आयेगी
पुर्व दिशा मे लाली फिर छायेगी
नये विचारों का संचार होगा
सोच की किरणों का आगाज होगा
रात के बाद
उगते सुरज को देखकर
थके जीवन को गति मीली
चाय की चुस्की के बाद ताजगी मीली
चेहरे को एक खुशी मीली
रात के बाद
सुबह की बेला मे
भौरों का गुंजन फूलों का चुबंन
प्रकृती का स्पर्श हाथों का मिलन
और आपनो से कहता शुभ प्रभात
रात के बाद
वो सुबह तो आयेगी
पुर्व दिशा मे लाली फिर छायेगी
नये विचारों का संचार होगा
सोच की किरणों का आगाज होगा
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी
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