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जब चली गयी तुम ....


जब चली गयी तुम ....

नजरें ढूंढे तोहे 
सजना मेरे कंहा खोये 
सुध-बुध लगे ना मोहे 
प्रित मेरी खोये खोये 
जब छोड़कर चली गयी तुम 

दिन ढाला अकेले 
रात वो यादों के मेले 
सवेरे भी तू ही साथ थी 
चुपके तू ही पास थी 
जब छोड़कर चली गयी तुम 

आदत यूँ हो गयी है तेरी 
ना लगता नैन ना आता चैन 
बरसती रही घटा दिन रैन
दिल में तेरे बिन तेरे बिन 
जब छोड़कर चली गयी तुम 

कुछ ना रहा मै तेरे बिन 
होकर तुझ से जुदा मै 
तब मैंने माना तुम्हे जाना 
मुझमें तु ही तुम हो 
जब छोड़कर चली गयी तुम 

खुद से खफा हो मै 
तेरे बिन मुझसे जुदा हूँ मै 
बैठा हूँ उदास अकेले यंहा 
तेरे बिन बस जुदा हूँ मै 
जब छोड़कर चली गयी तुम 

नजरें ढूंढे तोहे 
सजना मेरे कंहा खोये 
सुध-बुध लगे ना मोहे 
प्रित मेरी खोये खोये 
जब छोड़कर चली गयी तुम 

एक उत्तराखंडी 

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत 

बालकृष्ण डी ध्यानी
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