तस्वीर कहती हैं
कुछ पूछती है
बल्ला,गेंद, खेल
खेले कौन खेल
लगता नही भेद
जोड़ा है वो अभेद
भावना का मेला
अकेला है वो खेल
राम रहीम संग
कैसी है ये जंग
काँटों काँटों संग
फुल खिले अंग
तस्वीर कहती हैं
कुछ पूछती है
बल्ला,गेंद, खेल
खेले कौन खेल
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी
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