आज मै
१५ अगस्त १९४७
वो दिन और आज मै
कंहा खड़ा हूँ
कंहा हूँ आजाद मै
एक साथ चला था
रुपया डॉलर का साथ
गिर गया हूँ मै
क्यों छुटा वो मेरा हाथ
कंहा खड़ा हूँ
कंहा हूँ आजाद मै.....
सीमा पर बने हैं
ऐसे क्यों हालत
कटते ही जा रहे हैं
वो मेरे परवाज
कंहा खड़ा हूँ
कंहा हूँ आजाद मै…
प्रांतों प्रांतों में
आतंक ही आतंक आज
खुले आम लुट रही
बहु बेटियों की लाज
कंहा खड़ा हूँ
कंहा हूँ आजाद मै…
बूढों का ना दे रहा कोई साथ
बच्चों का शोषण हो रहा आज
गरीबी की रेखा बड़ती गयी
मंहगाई बस रुलाती रही
कंहा खड़ा हूँ
कंहा हूँ आजाद मै…
कितने साल आये
कितने साल चले गये
मेरे अपने मुझसे
बस दूर जाते दिखे
कंहा खड़ा हूँ
कंहा हूँ आजाद मै…
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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