तुम
जबैर बी जख बी
तुम मी थे दिके जौला
मी तुम थे तख बी
सुरुक भेंटी कू मी औलों
ऐ मेरा डंडा कंडा
ऐ मेरा उजाड़ा पहाड़ा
तुम दगड खुद लगाल
तुम थै वो धै लगाळा, बोळाला
सुणी,अनसुणी ना कियां
एक बारी छुछ ऐकी तुम
मेरे खैर खबर त लिंयां
इनी तुम ना मी बिसरी ज्ञ्याँ
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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