बुझे बुझे से लगे
बुझे बुझे से लगे वो अपने मेरे
टीम टिमाते रहे वो सपने मेरे .... २
बुझे बुझे से लगे .......
वो आधा चाँद आधी मुरादों वाला
आधी कैफियत मेरी वो वाह वाह करने वाले .... २
बुझे बुझे से लगे .......
एक बात को दो कर ने वाले
जमाने ने दिखाये रंग इंसान दो जुबां वाले
बुझे बुझे से लगे .......
बुझे बुझे से लगे वो अपने मेरे
टीम टिमाते रहे वो सपने मेरे .... २
बुझे बुझे से लगे .......
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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