चल
फिर लड़ै लगे
अपरा विरासत बचाण बाण
दिल्ली मा
अपरा गढ़वाल भवन बाणा
देक्ला काद्गा खुटा
भैर आला सात हिटला
काद्गा अपरा
एक हुला
क्द्गा उत्तराखंडी जुटला
तुम नि आला तर कया
मी त जोंलों
अपरा ढुंगु राज्य बाण
अपरू विरुद्ध जातेलु
अपरू हक़ लेकि रोलों
ना देक ना सोच
सियां ना रै
अब त जगा
फिर लड़ै लगे
फिर आजना नि चढ़े चडे
वैंकी खिंडी मि खेलण
देक याकलू मिल
रण जीती की ऐना
म्यारा दगडी मेरा देबता छिन
ना देर कैर
वि सुबेर आणि छन फिर
कया देलू जवाब
आपरी जल्मभूमि थे
चल जोंला दगड
चल बयां खुठ भैर त धैर
इतिहस ते बुलणु
चल
अपरा विरासत बचाण बाण
दिल्ली मा
अपरा गढ़वाल भवन बाणा
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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