ADD

भुल्दा मनखी


भुल्दा मनखी

जिकोड़ो दियू ये माया संभाले ना
जुनि थे ये बाटा भाये ना …… २

दूर बाटा खूब भागी ये सहेरा कू …… २
मन नि लागि यख अखेरा कू

उड़ दा चखुला बल उड़ा दा जा
तिल संसार कथये न समझी पायो रे

भुल्दा मनखी बल तू भुल्दा जा
तिल अपरू परायु नि जनि पायो रे …… २

द्वि दिना की ये दुनिया रे …… २
फिर बी अक्ल दाढ़ तेरी नि आये रे

बगदा पानी बल बगदी जा
कैल तेथे यख ना समझी पायो रे

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http://balkrishna-dhyani.blogspot.in/search/
http://www.merapahadforum.com/
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित
बालकृष्ण डी ध्यानी
Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ