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मेरी हंसी


मेरी हंसी

मेरी हंसी का ना गैर मतलब अब निकाल ये ध्यानी
गम में जीने और आंसू बहाने से अब क्या फायदा
टूटकर चूर चूर हो गये हैं जो अपने और जो सपने
उन को एक धागे में पिरो के रखने का क्या फायदा

ध्यानी
बालकृष्ण डी ध्यानी
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