ADD

मिल अखबार ख्वलि बल


मिल अखबार ख्वलि बल

मिल अखबार ख्वलि बल
बस नेतों न ब्वालि
छप छपी खबरी देकि की
ना उड़ मेर तिबरी ना डंडाली

नौ बागीयों को बाग मा
देरादून को काज मा
एक बी डाली उपटि ना स्की
नौछमियों को राज मा

घ्वाड को बल खुटा टूटे
राजनीतियों न चूसा चूसे
खींच तानी सींच तानी
कैल रची हुलि ये करस्तानी

ऐगे फिर उमा उमाल जी
नि व्हाई कुच बी कमाल जी
हम जन् छय ऊनि रैग्युं
नेता वहैगैनि मालामाल जी

मिल अखबार ख्वलि बल .......

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http://balkrishna-dhyani.blogspot.in/search/
http://www.merapahadforum.com/
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार
बालकृष्ण डी ध्यानी
Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ