१९९९ का चमोली भूकम्प २९ मार्च, १९९९ को भारत के उत्तर प्रदेश (अब उत्तराखण्ड) राज्य के चमोली जिले में आया था। यह भूकम्प हिमालय की तलहटियों में ९० वर्षों का सबसे शक्तिशाली भूकम्प था। इस भूकम्प में लगभग १०३ लोग मारे गए।
आखिर कब कब उत्तराखंड ने भयंकर प्राकृतिक आपदाओं का सामना किया..
उत्तरकाशी में आया 1991 में भूकंप अविभाजित उत्तर प्रदेश में 1991 के अक्टूबर महीने में भूकंप ने तबाही मचाई थीं। भूकंप की तीव्रता 6.8 मापी गई थी। इस आपदा में 768 लोगों की जान गई थी, जबकि हजारों घर तबाह हुए। भूकंप में उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र समेत पश्चिमी यूपी के कई इलाके भी प्रभावित हुए थे।.
लैंडस्लाइड ने तबाह किया ये गांव 18 अगस्त 1998 में भूस्खलन की वजह से पिथौरागढ़ जिले का एक छोटा सा गांव माल्पा बर्बाद हो गया था। इस हादसे में करीबन 255 लोगों की मौत हुई थी, जिसमें 55 ऐसे भी लोग शामिल थे, जो कैलाश मानसरोवर यात्रा का हिस्सा थे।.
1999 में चमोली को भूकंप ने हिलाया इससे पहले चमोली में 1999 में एक 6.8 की तीव्रता से भूकंप भी आया था, जिसमें 100 से अधिक जानें चली गई थीं। इस भूकंप की वजह से पड़ोसी जिले रुद्रप्रयाग को भी भारी नुकसान पहुंचा था। चमोली में आए इस भूकंप की वजह से सड़कों और जमीनों में दरारें आई थीं।
केदारनाथ में आई भयंकर आपदा साल 2013 में केदारनाथ में आई आपदा को कभी भूलाया नहीं जा सकता। 2013 के जून महीने में केदारनाथ में हुई मूसलाधार बारिश की वजह से वहां पर बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए। इसी दौरान उत्तरकाशी में बादल फटने की वजह से केदारनाथ में जल स्तर और तेजी से बढ़ने गया। कई जगहों पर लैंडस्लाइट की घटनाएं हुई। सैकड़ों घर उजड़े। सबसे ज्यादा तबाही मची केदारनाथ में। केदारनाथ मंदिर को भारी नुकसान पहुंचा। रामबाड़ा मलबे में तब्दील हो गया। इस घटना में हजारों की संख्या में लोगों की मौत हुई थी, जबकि काफी बड़ी संख्या में लोग घायल हुए। अब 2013 के बाद उत्तराखंड एक और बड़ी आपदा का सामना कर रहा है।
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