चमोली
औली से महज 70 किलोमीटर की दूरी पर टिम्बरसैण गुफा है, जहां बाबा बर्फानी के दर्शन होते हैं. टिम्बरसैण गुफा में बर्फ के शिवलिंग का निर्माण होता है. चमोली की नीति घाटी में स्थित टिम्बर सैण गुफा में बाबा की अनुपम छटा का दीदार करने के लिए भक्तों का तांता लगने वाला है.
बर्फ के शिवलिंग के लिए कश्मीर की सुरम्य वादियों में स्थित अमरनाथ की गुफा देश-विदेश में काफी प्रसिद्ध है और इस शिवलिंग के आकार लेने पर लाखों श्रद्धालु इसके दर्शन करने के लिए अमरनाथ की यात्रा करते हैं, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि औली में भी एक गुफा है, जहां महादेव वर्फ के शिवलिंग रूप में विराजमान है और इसी स्वरूप में अपने भक्तों को दर्शन देते हैं.
औली से महज 70 किलोमीटर की दूरी पर टिम्बरसैण गुफा है, जहां बाबा बर्फानी के दर्शन होते हैं. टिम्बरसैण गुफा में बर्फ के शिवलिंग का निर्माण होता है. चमोली की नीति घाटी में स्थित टिम्बरसैण गुफा में बाबा की अनुपम छटा का दीदार करने के लिए भक्तों का तांता लगने वाला है. इस वर्ष कड़ाके की ठंड में बाबा के दर्शनों का सिलसिला शुरू हो गया हैं. सर्दी की शुरूआत के साथ इलाके के कई नाले बर्फ में तब्दील हो गए है और साथ ही बाबा बर्फानी भी अपने प्राकृतिक स्वरूप में दिखाई देने लगे हैं. राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2019 में शिवभक्तों को बाबा बर्फानी के दर्शन करवाने की योजना बनाई थी, किंतु लगातार बिगड़ते मौसम और सड़क खराब होने से यात्रा शुरू नहीं हो पाई थी.
इस वर्ष की अभी तक की यह है अपडेट
अभी तक बाबा बर्फानी की पहली तस्वीर ही देखने को मिल पाई है. गुफा में शिवलिंग धीरे-धीरे आकार ले रहा है और 31 दिसंबर तक बाबा बर्फानी के पूरे आकार में भक्तों को दर्शन देने की संभावना है. छुट्टियों के मौके पर पर्यटन के लिए निकले सैलानी इस मंदिर के दर्शन कर शिवकृपा प्राप्त कर सकते हैं.
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