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हर की पौड़ी का नाम हर की पौड़ी क्यों पड़ा?


हर की पौड़ी का नाम हर की पौड़ी क्यों पड़ा?
उसी वक्त भगवान विश्वकर्मा अमृत को दानवों से बचाकर ले जा रहे थे तो अमृत की कुछ बूंदे धरती पर गिर गई थीं. जहां-जहां ये बूंदें गिरीं वहां-वहां धार्मिक स्थल बन गए. कुछ बूंदे हरिद्वार में भी गिरी थीं और उसके बाद ये जगह हर की पौड़ी कहलाई.

हर की पौड़ी में क्या खास है?

यह वह स्थान माना जाता है जहां समुद्र मंथन के बाद आकाशीय पक्षी गरुड़ द्वारा घड़े में ले जाते समय अमृत की बूंदें आकाश से गिरी थीं। हर की पौड़ी घाट पर हर दिन सैकड़ों लोग गंगा के पानी में डुबकी लगाते हैं। स्थान अत्यंत शुभ माना जाता है।


बालकृष्ण डी ध्यानी
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