वा रामी बौराणी
रामी सी खडी वहाली
वा सोंजडया मेरी
बौराणी बटा हेराणी वहाली
वा सोंजडया मेरी
कदगा दिण
कदगा रैण
कदगा बरखा
कदगा मास सारे गैनी
आंखी टाप टाप करणी वहाली
वा संगनी मेरी
कब त्यार हे नारी
व्यथा ये खतम वहाली
कब त्यार स्वामी आला
तू कब हसली
वा म्यार पहाडा की नारी
दगड़यूँ दगडी कब झुमली
तेर आमा की डाली
कब घुघुती घुउराली
कब तू लसका-डासक लागली
वो खुदा खुदैणी मेरी
बच्चों दगडी खेल
सास-सासुर मा मेल
पुगडी मा सवेर सवेर
करदी सारा कम वा मेरा
वो ब्वारी मेरी
रामी सी खडी वहाली
वा सोंजडया मेरी
बौराणी बटा हेराणी वहाली
वा सोंजडया मेरी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
कवी बालकृष्ण डी ध्यानी
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